Imp Notes /Ecology & Environment and World Geography notes in Hindi

 

 

 

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Imp Notes /Ecology & Environment and World Geography notes in Hindi

 



 

 
प्रश्न 1 – जैव संसाधन क्या होते है ?
                                       
उत्तर -1 – जैव संसाधन वे संसाधन होते है।  जिनकी प्राप्ति हमें  ” जीव मंडल ” से होती है। 
तथा जिनमे जीवन व्यापत है  | जैसे कि –  मनुष्य , वनस्पति , जंतु , मत्सय जीवन , पशुधन आदि  |     

प्रश्न -2 – अजैव संसाधन क्या है ? 
उत्तर –   वे  सभी संसाधन जो की निर्जीव वस्तुओं से बने हैं।  ” अजैव संसाधन ” कहलाते है  | जैसे कि – चट्टानें और धातुएं आदि सभी अजैव संसाधन है।

प्रश्न – 3 – नवीनीकरण योग्य संसाधन क्या होते है ?उत्तर –  नवीनीकरण योग्य संसाधन वे संसाधन होते है । जिन्हे भौतिक , रसायनिक  तथा यांत्रिक प्रक्रियाओं द्वारा  पुनः उत्पन्न किया जा सकता है | अतः ऐसे संसाधन  नवीनीकरण योग्य संसाधन  अथवा पुनः पूर्ति योग्य संसाधनं कहलाते  है। जैसे कि –  सौर  ऊर्जा , पवन ऊर्जा , जल , वन , तथा वन्य जीवन आदि ।
 

प्रश्न -4  अनवीनीकरण योग्य संसाधन क्या होते है ?

उत्तर – अनवीनीकरण योग्य संसाधन ऐसे संसाधन होते है ।जिनका विकास  एक लम्बे भू -वैज्ञानिक  अंतराल में  होता है ।अर्थात इनको बनने में लाखो वर्ष  है | अतः ऐसे  संसाधन  एक बार  प्रयोग  के बाद ही समाप्त हो जाते है  | इसलिए इन्हे  “अनवीनीकरण योग्य संसाधन ”  कहते है |  जैसे कि –  खनिज और जीवाश्म  आदि ” अनवीनीकरण संसाधन के अंतरगर्त आते है। 

प्रश्न -5 – व्यक्तिगत संसाधन क्या होते है ?

उत्तर –  व्यक्तिगत संसाधन  वे संसाधन होते है।  जिन  संसाधनों पर किसी  ” व्यक्ति विशेष ” का अधिकार हो  या स्वामित्व  हो , तो ऐसे संसाधनों को हम  ” व्यक्तिगत संसाधन ” कहते है | जैसे कि –   बाग़ , तालाब , कुँए  आदि  सभी व्यक्तिगत  संसाधन है।

प्रश्न – 6 –  सामुदायिक संसाधन क्या  होते है ?

उत्तर – सामुदायिक संसाधन  वे संसाधन होते है। जिन  संसाधनों पर  ‘ समुदाय ” के सभी सदस्यों का अधिकार या स्वामित्व  होता है Ι तथा ऐसे संसाधन जो की किसी समुदाय के सभी सदस्यों  को  उपलब्ध  हों , तो  ”  सामुदायिक संसाधन ”  कहलाते है  | 

जैसे कि – गाँव में  – चारण भूमि ,   तालाब  , शमशान  भूमि , 
शहर में -सार्वजनिक पार्क , पिकनिक स्थल , खेल के मैदान  आदि  सभी सामुदायिक संसाधन होते है।

प्रश्न -7 – राष्ट्रीय संसाधन से क्या तात्पर्य है , ये किस प्रकार के संसाधन होते है ?उत्तर – राष्ट्रीय संसाधन वे  संसाधन  होते है। जो  कि किसी  राष्ट्र या देश  में पाए जाते है। दूसरे शब्दों ऐसे संसाधन जो किसी राष्ट्र में पाए जाते है तथा जिन पर पूरा अधिकार उस “राष्ट्र “का होता है । राष्ट्रीय संसाधन  कहलाते है  | जिनमे सभी पदार्थ , जल संसाधन , वन ,  वन्य जीव , राजनितिक सीमाओं के अंदर की  भूमि  और 12 समुद्री मील  (19. 2 कि.मी ) तक महासागरीय क्षेत्र  तथा इनमे पाए जाने वाले संसाधन उस राष्ट्र की सम्पदा होती है।
 

प्रश्न -8 – अंतर्राष्ट्रीय संसाधन क्या होते है ?

उत्तर – अंतर्राष्ट्रीय संसाधन  वे  संसाधन  होते है।  जिन्हे   ” अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं  ”  नियंत्रित करती है।  जैसे कि –  तट  रेखा से २०० कि. मी  की  दूरी के  बाद खुले महासागरीय  संसाधनों पर किसी देश विशेष का अधिकार नहीं है |  अतः इन संसाधनों  को   अंतर्राष्ट्रीय संस्थााओं  की सहमति के बिना प्रयोग  नहीं किया है  |  


प्रश्न -9 – सम्भावी संसाधन क्या होते है अथवा क्या सम्भावी संसाधनों का प्रयोग किया जा सकता है ?

 

उत्तर –  ऐसे संसाधन जो किसी प्रदेश , देश ,क्षेत्र  में विधमान रहते है। परन्तु  जिनका उपयोग या प्रयोग  नहीं किया जा सकता है ,तो ऐसे संसाधनो को हम  ” सम्भावी संसाधन ”  कहते है। अर्थात ऐसे संसाधनों की सम्भावना तो है , परन्तु उसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है।

प्रश्न – 10 –   विकसित संसाधन क्या होते है ?

उत्तर –   वे संसाधन जो प्रयोग  में है अर्थात जिनका वर्तमान समय में प्रयोग हो रहा है। विकसित संसाधन है। ऐसे संसाधनों का  ,जिनका कि  सर्वेक्षण किया जा चुका है तथा जिनकी उपयोग  की मात्रा और गुणवत्ता को निर्धारित किया जा चुका  है।  उन्हें हम  ”  विकसित संसाधन ” कहते हैं  

 

प्रश्न – 11  भण्डार क्या होते है ?

उत्तर   पर्यावरण में उपलब्ध वे  पदार्थ जो मानव की  आवश्यकताओ पूर्ति कर सकते है।  परन्तु  विज्ञान  तकनीकों की पहुंच से बाहर है।  ऐसे पदार्थों को   ”  भण्डार ” में शामिल किया जाता है। इन भण्डार में सम्भावनाये तालाशी जाती है।प्रश्न – 12 – अगाध वितलीय क्षेत्र क्या होता है ?

 

उत्तर – समुद्र की अधिकतम गहराई में “अगाध “क्षेत्र पाया जाता है। ये समुद्र के अंदर लगभग – 1000 मीटर नीचे की गहराई का भाग होता है। इस क्षेत्र तक में सूर्य की किरण भी नहीं पहुंच पाती है। इस क्षेत्र का तापमान लगभग – 2 डिग्री सेल्सियस से 3 डिग्री सेल्सियस के बीच में रहता है।

प्रश्न – 13 – एबायोटिक से क्या तात्पर्य है ?

उत्तर – हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के ऐसे घटक जिनमे जीवन व्याप्त नहीं है ,” एबयोटिक ” कहलाते है।  जैसे कि – जल ,मृदा मरूस्थल ,पर्वत , तापमान , बादल , तापमान , वर्षा ,बर्फ ,तूफ़ान आदि सभी – ” एबयोटिक ” के अंतरगर्त आते है।

प्रश्न – 14 – ऋतुपरक परिवर्तन से क्या तात्पर्य है ?उत्तर – जब ” विषुवत रेखा ” की आगे बढ़ने से पृथ्वी के मौसम में परिवर्तन आते है जिसमे ” ऋतु  ” का परिवर्तन होता है। ऐसे परिवर्तन को हम – ” ऋतुपरक ” परिवर्तन कहते है।

प्रश्न -15 – अवस्थति अथवा स्थलाकृति क्या होती है ?

उत्तर – अवस्थति अथवा स्थलाकृति   के द्वारा हम – अक्षांश और देशांतर की स्थति का पता लगा सकते है। इसके साथ ही हम जलवायु की स्थति का भी पता लगा सकते है।

प्रश्न – 16 – जल क्या है ?

उत्तर – जल एक ” अकार्बनिक तरल पदार्थ ” है।

प्रश्न – 17 -“मानव भूगोल  के जन्मदाता ” की संज्ञा किसे दी गयी है ?

उत्तर – फेडरिक रेटजेल को

प्रश्न – 18 – ओज़ोन परत के क्षरण का पता सर्वप्रथम किसने लगाया था ?

उत्तर – जोसेफ फारमैन (इंगलैँड )

प्रश्न – 19 – “होमियोथमिरक या एडोथर्मिक ” जंतुओं की क्या विशेषताएं होती है ?

उत्तर – ये ऐसे जंतु होते है ,जिनका रक्त गर्म होता है। और ये अपने शरीर के तापमान को किसी भी वातावरण में एक सा  बनाये रखने में सक्षम होते है।  जैसे कि – पक्षी और स्तनपायी जीव आदि।

प्रश्न -20 – ” सियोफाइट्स पौधों ”  तथा  – ” हीलियोफाइट्स ” पौधों के बीच में क्या अंतर है ?

उत्तर – सियोफाइट्स पौधों  का विकास ” कम -प्रकाश ” अथवा प्रकाश की कम तीव्रता में अधिक होता है। जबकि ठीक इसके विपरीत ” हीलियोफाइट्स ” पौधों का विकास सूर्य प्रकाश की पूर्ण तीव्रता में होता है।

प्रश्न – 21 – भौमिक विकरण क्या है ?

उत्तर – वायुमंडल का  ठंड़ा और गर्म होने का काऱण – ” भौमिक विकरण ” होता है।

प्रश्न – 22 – पारिस्थितिकी  क्या है  ?

उत्तर – पारिस्थितिकी – जीव और वातावरण के पारस्परिक सम्बन्धो का अध्ययन है। अर्थात जब प्राणी और पौधे एक दूसरे को तथा वातावरण को प्रभावित करते है तो इस प्रक्रिया में एक तंत्र बन जाता है। जिससे हम – ” पारिस्थितिकी तंत्र या पारितंत्र ” कहते है।

प्रश्न – 23 – पारिस्थितिकी तंत्र के अंतरगर्त किन विषयों का अध्ययन किया जाता है ?

प्रश्न -23 –  पारिस्थितिकी तंत्र के अंतरगर्त -निम्नलिखित विषयों का अध्ययन जाता है। जैसे कि –  जैव रसायन , जैव भौतिकी  ,  भूगोल ,जलवायु ,मृदा ,शरीर क्रिया का विज्ञान आदि का अध्ययन किया जाता है।

प्रश्न – 24 – जैविक घटक के अंतरगर्त कौन – कौन आता है ?

उत्तर – जैविक घटक के अंतरगर्त -निम्न घटक आते है।

(i )  उत्पादक  (ii )  उपभोक्ता   (iii )  अपघटक

प्रश्न – 25 – उपभोक्ता कितने प्रकार के होते है ?

उत्तर – उपभोक्ता 3 प्रकार के होते है।

 


(i ) प्राथमिक उपभोक्ता (ii ) द्धितीयक उपभोक्ता  (iii ) तृतीयक उपभोक्ता।

प्रश्न 26 – ” अजैविक घटक ” के अंतगर्त कौन – कौन  से घटक आते है ?

उत्तर – अजैविक घटक के अंतरगर्त तीन प्रकार के घटक आते है। जो कि इस प्रकार है।

(i ) अकार्बनिक घटक  (ii ) कार्बनिक घटक   (iii )  भौतिक घटक

प्रश्न – 27 – ” अकार्बनिक घटकों ” के अंतगर्त क्या आता है ?

उत्तर – अकार्बनिक घटकों के अंतरगर्त विभिन्न तरह के – ” लवण और गैसे ” आती है। जो इस प्रकार है।

 

लवण 

गैसें

 

N
Ca
K
Mg
PS

O2
N2
CO2
N2
H2
NH3

 

प्रश्न – 28 – कार्बनिक घटकों के अंतरगर्त क्या – क्या आता है ?

उत्तर –  कार्बनिक घटको के अंतरगर्त निम्न घटक आते है। जैसे कि – प्रोटीन , कार्बोहाइट्रेड , लिपिड्स , यूरिया , और ह्यूमस आदि।

प्रश्न – 29  – भौतिक घटक के अंतरगर्त क्या – क्या आता है ?

उत्तर – भौतिक घटक के अंतरगर्त – हवा , प्रकाश , ताप , विधुत , जल आदि सभी आते है।

प्रश्न –  30 –  उत्पादक क्या होते है ? उदहारण सहित बताइये ?

 

उत्तर – जो हरे पौधे  ” प्रकाश – संश्लेषण ” की प्रक्रिया के द्वारा अपना भोजन स्वयं  बनाते है , उत्पादक कहलाते है।  इनसे – ” प्राथमिक उपभोक्ता ” अपना भोजन प्राप्त करते है। अर्थात प्राथमिक उपभोक्ता अपने भोजन के लिए – इन ” उत्पादकों ” पर निर्भर रहते है।

प्रश्न – 31 – ” स्वपोषी ” पौधे कौन से होते है ?

उत्तर – जो पौधे ” प्रकाश संश्लेषण ” की प्रक्रिया द्वारा अपना भोजन स्वयं बनाते है , ” स्वपोषी पौधे ” कहलाते है। स्वपोषी अर्थात स्वयं को पोषण प्रदान करने वाले पौधे।

प्रश्न – 32 – ” प्रकाश संश्लेषण ” की प्रक्रिया द्वारा हरे – पौधे किस प्रकार अपना भोजन बनाते है ?

उत्तर – हरे – पौधे – ” प्रकाश संश्लेषण ” की प्रक्रिया के दौरान – अकार्बनिक पदार्थो , पानी , और कार्बनडाय ऑक्साइड द्वारा अपना भोजन बनाते है।

प्रश्न – 33 – हरे – पौधों की मृत्यु के बाद पारिस्थितिकी तंत्र में  किस प्रकार की क्रियाए होती है ?

उत्तर- हरे – पौधे  मृत्यु के बाद  ” कार्बनिक खाद्य ” के रूप में परिवर्तित हो जाते है , अथवा कार्बनिक खाद बन जाते है।

प्रश्न – 34 – प्राथमिक उपभोक्ता कौन होते है ?

उत्तर – प्राथमिक उपभोक्ता वे होते है जो कि अपने भोजन के लिए – उत्पादकों – पर निर्भर रहते है। अर्थात ये  अपने भोजन के लिए  हरे – पौधों पर निर्भर रहते है , जो कि अपना भोजन स्वयं बनाते है।

प्रश्न – 35 – प्राथमिक उपभोक्ता  शाकाहारी होते है अथवा माँसाहारी  ?

उत्तर- प्राथमिक उपभोक्ता – पूर्ण शाकाहारी जीव – जंतु होते है। ये अपने भोजन लिए पूरी तरह से उत्पादकों यानी कि (हरे – पौधों ) पर निर्भर रहते है।

प्रश्न – 36 – प्राथमिक उपभोक्ता कौन होते है , नाम बताइये ?

उत्तर – प्राथमिक उपभोक्ता निम्न प्रकार के होते है। जैसे कि – गाय , बकरी , हिरन , खरगोश , चूहा आदि सभी प्राथमिक उपभोक्ता है।

प्रश्न – 37 – प्राथमिक उपभोक्ता कौन से पोषी कहलाते है ?

उत्तर – चूकि जैसा कि हम जानते है कि – प्राथमिक उपभोक्ता अपने भोजन हेतु -” उत्पादक ” पर निर्भर रहते है। अर्थात ये भोजन के लिए दूसरो पर निर्भर है इसलिए ये – ” विषम – पोषी ” कहलाते है।

प्रश्न 38 – प्राथमिक उपभोक्ताओं को और किस नाम से जाना जाता है ?

उत्तर – प्राथमिक उपभोक्ताओं को हम – ” शाकभक्षी ” के नाम से भी जानते है।

प्रश्न – 39 – द्धितीयक  उपभोक्ता कौन होते है ?

उत्तर – ऐसे जीव – जंतु जो कि अपने भोजन के लिए – ” प्राथमिक उपभोक्ताओं ” पर निर्भर रहते है। द्धितीयक  उपभोक्ता कहलाते है। अर्थात ये जंतु अपने भोजन के लिए – प्राथमिक उपभोक्ताओं – को खाते है।

प्रश्न – 40 – द्धितीयक उपभोक्ता  शाकाहारी होते है अथवा माँसाहारी  ?

उत्तर – ये मांसाहारी जीव – जंतु होते है , जो कि अपने भोजन के लिए – प्राथमिक उपभोक्ता – जैसे कि – गाय ,बकरी , हिरन ,चूहा ,गिलहरी , खरगोश आदि को खाते है।

प्रश्न -41 – द्धितीयक उपभोक्ताओं के नाम बताइये ?

उत्तर – द्धितीयक उपभोक्ता निम्न प्रकार के होते है। जैसे कि – साँप , लोमड़ी , बिल्ली , मेढक , सियार आदि सभी को ” द्धितीयक उपभोक्ता ” के अंतरगर्त शामिल किया जाता है।

प्रश्न – 42 – द्धितीयक उपभोक्ताओं को और किस नाम से जाना जाता है ?

उत्तर – द्धितीयक उपभोक्ताओं को – ” मांसभक्षी ” के नाम से भी जाना जाता है।

प्रश्न – 43 – प्राथमिक उपभोक्ताओं का – ” पोषण स्तर ” क्या है ?

उत्तर – प्राथमिक उपभोक्ताओं का ” पोषण स्तर – II ” है।

प्रश्न – 44 – द्धितीयक उपभोक्ताओं का पोषण स्तर क्या है ?

उत्तर –  द्धितीयक उपभोक्ताओं का  ” पोषण स्तर – III ”  है।

प्रश्न – 45 – द्धितीयक उपभोक्ता की भोजन क्रिया को उदहारण सहित समझाइये ?

उत्तर – द्धितीयक उपभोक्ता अपना भोजन प्राथमिक उपभोक्ताओं को खाकर करते है। जैसे कि – बिल्ली एक द्धितीयक उपभोक्ता है और वह चूहा को खाती है। जो कि ( चूहा ) एक प्राथमिक उपभोक्ता है। अर्थात चूहा अपने भोजन के लिए उत्पादक ( हरे – पोधो ) पर निर्भर होता है। इस प्रकार ” पोषण के स्तरों ” द्वारा इन्हे वर्गीकृत किया गया है।

प्रश्न – 46 – तृतीयक उपभोक्ता किसे कहते है ?

उत्तर –  ऐसे जीव – जंतु जो कि अपने भोजन के लिए ” द्धितीयक उपभोक्ता ” पर निर्भर रहते है। तृतीयक उपभोक्ता कहलाते है। अर्थात ये अपना भोजन – ” द्धितीयक उपभोक्ताओं ” को खाकर करते है।

प्रश्न – 47 –  तृतीयक उपभोक्ता  शाकाहारी होते है अथवा माँसाहारी  ?

उत्तर – ये पूर्णतः मांसाहारी जीव – जंतु होते है। ये अपना भोजन द्धितीयक उपभोक्ता को खाकर करते है।

प्रश्न – 48 – तृतीयक उपभोक्ताओं का उदाहरण सहित  नाम बताइये ?

उत्तर – ” बाज़ ” एक तृतीयक उपभोक्ता है , जो कि – द्धितीयक उपभोक्ता यानी कि (साँप ) को खाता है। साँप जो द्धितीयक उपभोक्ता है , वो अपने भोजन के लिए – प्राथमिक उपभोक्ता यानी कि चूहा पर निर्भर होता है। वही चूहा अपने भोजन के लिए -” उत्पादक ” यानी कि हरे – पोधो पर निर्भर रहता है।  इसी प्रकार ये क्रम चलता रहता है।

प्रश्न – 49 – हमारे वायुमंडल में – ” मध्यमंडल ” की ऊंचाई कितनी है ?

उत्तर – मध्यमंडल की ऊंचाई – 50 किलो मीटर से 80 किलोमीटर तक होती है।

प्रश्न – 50 – हवाईजहाज को वायुमंडल में किस स्तर पर उड़ाया जाता है ?

 

उत्तर – हवाईजहाज को – ” समतापमंडल ” में उड़ाया जाता है।  कियोकि ” समताप मंडल ” का मौसम पूर्णतः शांत रहता है।

प्रश्न – 51 – ” क्षोभमंडल ” किसे कहते है ?

उत्तर – क्षोभमंडल वायुमंडल की सबसे निचली परत होती है। यह परत हमारी पृथ्वी के सबसे पास होती है। इस परत का तापमान – 165 मीटर की ऊंचाई पर – 1 डिग्री सेल्सियस तथा 1 किलोमीटर की ऊंचाई पर तापमान – 6. 4  डिग्री सेल्सियस की बीच में रहता है।

प्रश्न – 52 –  हमारे वातावरण में – आंधी , बादल , और वर्षा का कारक कौन है ?

उत्तर – क्षोभमंडल

प्रश्न – 53 – बाहमंडल क्या है ?

उत्तर – बाह्यमंडल – ” आयनमंडल ” के ठीक ऊपर वाली परत होती है।

प्रश्न – 56 – बाह्यमण्डल की ऊंचाई  कितनी होती है ?

उत्तर – बाह्यमण्डल की ऊंचाई – 640 किलो मीटर से 1000 किलो  मीटर  तक होती है।

प्रश्न – 57 – लवणों की मात्रा के आधार पर जल कितने प्रकार का होता है ?

उत्तर- लवणों की मात्रा के आधार पर जल तीन प्रकार का होता है।

(i ) अलवणीय जल  (ii )  खारा जल  (iii ) समुद्री जल


प्रश्न – 58 – अलवणीय जल , खारा जल , समुद्री जल में से पीने वाला जल कौन  सा होता  है ?उत्तर –  अलवणीय जल।
प्रश्न – 59 – अकार्बनिक लवणों के अंतरगर्त  कौन – कौन से लवण आते है , नाम बताइये ?

उत्तर-  अकार्बनिक लवणों के अंतरगर्त निम्नलिखित लवण आते है। जिसके नाम इस प्रकार है।

(1)  कैल्सियम

(2)  मैग्नीशयम

(3)  पोटैशियम

(4)  फास्फोरस

(5)  नाइट्रोजन

(6)  सल्फर

आदि सभी – ” अकार्बनिक लवणों ” के अंतरगर्त आते है।

प्रश्न – 60 – अकार्बनिक गैसे कौन – कौन सी होती है , नाम बताइये ?

उत्तर – अकार्बनिक गैसें इस प्रकार है।

(1) ऑक्सीजन

(2)  नाइट्रोजन

(3)  कार्बनडाय- ऑक्साइड

(4)  हायड्रोजन

(5)  अमोनिया

आदि सभी गैसें ” अकार्बनिक गैसों ” के अंतगर्त आती है।

प्रश्न – 61 –  पृथ्वी का सफाईकर्ता किसे कहते है ?

उत्तर- पृथ्वी  का सफाईकर्ता हम – ” अपघटको ” को कहते है। कियोकि यदि अपघटक न हो तो ” चक्रीकरण ” रुक  जाएगा और हमारे वातावरण में असंतुलन आ जायेगा।

प्रश्न – 62 – सर्वाहारी उपभोक्ता क्या होते है ?

उत्तर – सर्वाहारी उपभोक्ता ऐसे उपभोक्ता होते है , जो कि – शाकाहारी भोजन और मांसाहारी भोजन दोनों ही करने में शक्षम होते है। अर्थात ” सर्वाहारी उपभोक्ता ” दोनों प्रकार के भोजन करते है। इसलिए इन्हें हम सर्वाहारी उपभोक्ता कहते है।

प्रश्न – 63 – सर्वाहारी उपभोक्ता कौन होते है ?

उत्तर – ” मानव ” एक  सर्वाहारी उपभोक्ता है।  जो कि – शाकाहार और मांसाहार दोनों प्रकार के भोजन करने में शक्षम होता है। अर्थात मानव का पाचन तंत्र इस प्रकार का होता है जो कि – शाकाहारी भोजन और मांसाहारी भोजन दोनों को पचाने में सक्षम होता है। इसलिए – ” मानव ” एक सर्वाहारी उपभोक्ता होता है।

प्रश्न – 64 – ” चारण खाद्य श्रृंखला ” किस उपभोक्ता द्वारा आरम्भ होती  है ?

उत्तर –  ” चारण खाद्य श्रृंखला ” का आरम्भ – प्राथमिक उपभोक्ता द्वारा होता है।

प्रश्न – 65 – खाद्य श्रृंखला कितने प्रकार की होती है , नाम बताइये ?

उत्तर- खाद्य श्रृंखला दो प्रकार की होती है।

(i ) चारण खाद्य श्रृंखला  (ii ) अपरद खाद्य श्रृंखला

प्रश्न – 66 – ऊर्जा पिरामिड के अनुसार ” तृतीयक उपभोक्ता ” कितनी कैलोरी प्राप्त करते है ?

उत्तर – ऊर्जा पिरामिड के अनुसार तृतीयक उपभोक्ता – ( 10 х 10 ) ➗ 100  =  ” 1  कैलोरी ” को प्राप्त करते है।

प्रश्न – 67 – द्धितीयक उपभोक्ता कितनी कैलोरी प्राप्त करते है ?

उत्तर – द्धितीयक उपभोक्ता – 100 x 10 ➗ 100  = ” 10 कैलोरी ” प्राप्त करते है।

प्रश्न – 68 – प्राथमिक उपभोक्ता कितनी कैलोरी प्राप्त करते है ?

उत्तर- प्राथमिक उपभोक्ता – 1000 ❌ 10  ➗ 100  = ” 100 कैलोरी ” प्राप्त करते है।

प्रश्न – 69 – उत्पादक अपनी ऊर्जा की कितनी प्रतिशत कैलोरी का उपयोग कर लेते है ?

उत्तर – उत्पादक अपनी कैलोरी का लगभग – 90 % प्रयोग कर लेते है।

प्रश्न -70 – उत्पादक अपनी ऊर्जा का कितना प्रतिशत हिस्सा संचित कर पाते है ?

उत्तर – उत्पादक अपनी ऊर्जा का लगभग – 10 % प्रतिशत हिस्सा ही संचित कर पाते है।

प्रश्न – 71 – ऊर्जा पिरामिड के अनुसार सभी उपभोक्ताओं को ऊर्जा किस प्रकार वितरित की जाती है ?

उत्तर – ऊर्जा पिरामिड के अनुसार सर्वप्रथम – उत्पादक को 100 प्रतिशत ऊर्जा प्राप्त होती है। जिसमे से वो 90 प्रतिशत % ऊर्जा कैलोरी का स्वयं प्रयोग करके 10 % ऊर्जा को संचित करता है। ये 10 प्रतिशत % = 1000  कैलोरी का होता है। फिर प्राथमिक उपभोक्ता – इस 10 प्रतिशत कैलोरी का 10 % प्रतिशत यानी कि = 100 कैलोरी ऊर्जा प्राप्त करता है।

फिर द्धितीयक उपभोक्ता जब प्राथमिक उपभोक्ता को कहता है , तो उसे प्राथमिक उपभोक्ता को प्राप्त हुई कैलोरी का 10 % प्रतिशत यानी कि = 100 ✖️ 10  ➗ 100  = 10 कैलोरी   प्राप्त होती है।

फिर जब  तृतीयक उपभोक्ता  द्धितीयक उपभोक्ता को खाता है , तो वह ” द्धितीयक उपभोक्ता ” को प्राप्त हुई ऊर्जा का ” 10 % ” प्रतिशत कैलोरी को प्राप्त करता है। यानी कि = ” 1 कैलोरी ” प्राप्त करता है।

 


गैसे 

मात्रा 

1 – नाइट्रोजन      –  78.07 %                       

2 – ऑक्सीजन     –   20.95%

 

3 – ऑर्गन   –  0.93%

 

4 – कार्बन -ऑक्साइड  –   0.03 %

 

5 – हीलियम    –  0.00052%

 


6 – निऑन     – 0.0018% 

7 – क्रिप्टोन                                                           – 0.0010 %

 

8 – मेथेन            – 0.00015%

 

9 – हायड्रोजन         – 0.00005%

 

10 – नाइट्रस ऑक्साइड   0.00005%

 

11 – ओजोन      – 0.000007 %

 

12 – जीनॉन       – 0.000009 %

 

 
 
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