शिक्षा मनोविज्ञान /bal vikas or shiksha shastra pdf notes in Hindi
शिक्षा मनोविज्ञान/ vikas pdf Test in Hindi for All Exams ,Ctet/mptet/uptet/Rtet
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नमस्कार दोस्तों , इस आर्टिकल में हमने “” शिक्षा मनोविज्ञान (EDUCATION PSYCHOLOGY) शिक्षा मनोविज्ञान /bal vikas or shiksha shastra pdf notes in Hindi” के प्रश्नों का एक – एक करके संकलन किया है। साथ ही इस पीडीऍफ़ में हमने ” बाल विकास और शिक्षा शास्त्र ” के सभी topics को विषयवार cover किया है। इस नोट्स की विशेषता यह है , कि – इसमें आपको पढ़ने , समझने और याद करने में आसानी होगी। कियोकि इन नोट्स को आपके बालविकास एवं शिक्षा – शास्त्र को समझने और याद करने की समस्याओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
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(SHORT NOTES- TOPIC 2)
मनोविज्ञान शब्द की उत्पत्ति
मनोविज्ञान का अर्थ
मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला
➤ पश्चिम के देशो में मनोविज्ञान की प्रथम प्रयोगशाला सर्वप्रथम – ” विलियम वुंट ” द्वारा स्थापित हुई थी ।
मनोविज्ञान के सिद्धांत
➤मनोवैज्ञानिक ” विल्सन के अनुसार – ” मन मस्तिष्क के अंदर जो ” लिम्पिक सिस्टम ” होता है , उसमे मौजूद होता है “
➤ भारत में लगभग – 20 ( बीसवीं शताब्दी) में – ” पाश्चत्य मनोविज्ञान ” का अध्ययन प्रारम्भ हुआ ।
➤ वही हमारे प्राचीन भारतीय दर्शन में मनोविज्ञान में ज्ञानिद्रिओं और अंतःकरण के अध्ययन पर बल दिया गया है । जिसमे कि अंतःकरण के अंतरगर्त – मन , बुद्धि , अहंकार , चित्त और आत्मा ) आदि के अध्ययन को बल दिया जाता है I इसके अंतरगर्त ” चार कोषों “में व्यवहार को समझाया गया है । अर्थात इन चार कोषों से ही किसी इंसान के व्यवहार हो अच्छी तरह समझने में बल दिया गया है ।
वे चार कोष इस प्रकार है –
➤ अन्नमय कोष – अन्मय कोष के अंतरगर्त हमारे शरीर की ” ज्ञानइन्द्रियों ” और ” कर्म इन्द्रियों ” का अध्ययन किया जाता है ।
➤ प्राणमय कोष – भारतीय दर्शन में ” प्राणमय कोष ” के अंतरगर्त – ” शारीरिक क्षमता ” और ” प्राण शक्ति ” कितनी है इसका अध्ययन मुख्य रूप से किया जाता है ।
(iii ) मनुमय कोष – भारतीय दर्शन के अंतरगर्त – ” मनुमय कोष ” के अंतरगर्त बालक के ” मन ” का अध्ययन किया जाता है ।
शिक्षा मनोविज्ञान नोट्स
नोट- मनोविज्ञान दर्शन शास्त्र की एक शाखा है – जिससे सर्वप्रथम – ” विलियम जेम्स ” द्वारा अलग किया गया था ।
➤भारतीय मनोविज्ञान के अनुसार – मनोविज्ञान वह विज्ञान है , जो कि ” बाह्य इन्द्रयों ” से प्राप्त हुए अनुभव जो कि हमारे मस्तिष्क में होते है , को सुरक्षित रखता है । दूसरे शबदो में कहे तो ऐसा अनुभव जो हमारे मन – बुद्धि – अहम् – आत्मा आदि में सुरक्षित हो – मनोविज्ञान है I भारत के मनोविज्ञानिकों अथवा विचारको ने – मन – को ” छट्टी इन्द्रिय ” कहा है ।